
पर्यावरण
पराली जलाने पर किसानों के विरुद्ध कारवाई करने गए पटवारी को बंधक बनाया
October 8, 2020
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बीकेयू (उग्राहन) से जुड़े किसानों ने बुधवार को लुधियाना में सगरुर के झारोन गांव में पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आये पटवारी को 5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इतना ही नहीं किसानों ने बाद में धरना प्रदर्शन भी किया और पटवारी को रिहा करने से मना कर दिया। उनकी मांग थी कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर आएं और पटवारी के कार्यों के लिए माफी मांगें।
बीकेयू (उग्राहन) के नेता गुरमेल सिंह शाहपुर ने कहा, “पहले से ही हम एनडीए सरकार द्वारा पारित काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर और रेल की पटरियों पर बैठे हैं और अब राज्य सरकार हमें पराली जलाने पर परेशान करने लगी है। खेतों में बचा भूसा गेहूं की बुआई से पहले पूरी तरह से सड़ता नहीं है और इसलिए हमारे पास खेतों में पराली को जलाने के अलावा कोई चारा नहीं है। हम ऐसा करते रहेंगे। ”
एक किसान मनक सिंह ने कहा, “पराली से निपटने के लिए कोई सटीक सस्ता उपाय या समाधान नहीं है, इसलिए हम इसे जलाते हैं। जो भी हमारे खिलाफ आएगा, हमारे खिलाफ कार्रवाई करेगा या हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगा, हम उस व्यक्ति को बंधक बना लेंगे। ” किसानों ने आरोप लगाया कि धान के पराली को न जलाने का मुआवजा भी उनमें से अधिकांश को प्रदान नहीं किया गया है।
देर शाम तहसीलदार कुलदीप सिंह गांव पहुंचे और किसानों को आश्वासन दिया कि दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी।
संगरूर के डीसी रामवीर सिंह ने कहा कि वह गुरुवार को गांवों का दौरा करेंगे। “मुझे आश्चर्य है कि पटवारी ने किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गांव का दौरा किया जब हमने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया था। हमने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे किसानों से धान के ढेर से निपटने में उनकी समस्याओं के बारे में बात करें। ऐसी ही एक और घटना सुनाम के एक गाँव में हुई थी जहाँ उसी पटवारी को बंधक बना लिया गया था। मैं इस बात की जांच करूंगा कि वह किसानों की काउंसलिंग करने के बजाए क्यों कार्रवाई करने गए। मैं कल इस क्षेत्र का दौरा करूंगा। ”
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