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वीडियो देखें, कामधेनु आयोग ने लॉन्च किया है गाय के गोबर से बनी चिप, दावा है कि मोबाइल की रेडिएशन रोक सकती है
October 13, 2020
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गाय के गोबर को लेकर कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं, जिनको लेकर कई बार विवाद भी हुआ है। वहीं, एक बार फिर गाय के गोबर लेकर दावा किया गया है कि यह एंटी रेडिएशन (विकिरण विरोधी) है। दरअसल, इस बार यह दावा राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (आरकेए) के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया की तरफ से किया गया है।
राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने सोमवार को गाय के गोबर से बनी एक चिप लॉन्च की। इस दौरान आयोग के चेयमैन वल्ल्भभाई कथीरिया ने कहा कि ये चिप मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन कम कर देती है और लोगों को कई बीमारियों से बचाने में सक्षम है।
इस दौरान गाय के गोबर को एक दवा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे खाया भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम अपना पुराना विज्ञान भूल चुके हैं।
#WATCH: Cow dung will protect everyone, it is anti-radiation… It's scientifically proven…This is a radiation chip that can be used in mobile phones to reduce radiation. It'll be safeguard against diseases: Rashtriya Kamdhenu Aayog Chairman Vallabhbhai Kathiria (12.10.2020) pic.twitter.com/bgr9WZPUxK
— ANI (@ANI) October 13, 2020
गाय के गोबर से बने अन्य उत्पादों के बारे में बात करते हुए कथीरिया ने कहा, “गाय का गोबर एंटी रेडिएशन होता है। यह सबकी रक्षा करता है और यदि आप इन चीजों को अपने घर ले जाते हैं तो आपका घर रेडिएशन फ्री हो जाएगी। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है।”
आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘हमने देखा है कि मोबाइल के साथ रखते हैं तो रेडिएशन काफी हद तक कम हो जाता है. बीमारी से बचना है तो आगे आने वाले वक्त में यह भी काम आने वाला है.’ इसके साथ ही कामधेनु आयोग ने गाय के गोबर से बने कई दूसरे प्रॉडक्ट भी लॉन्च किए, जिनका लक्ष्य इस दीवाली पर प्रदूषण कम करने का है.
दरअसल, इस दीवाली पर चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार सुनिश्चित करने और गाय के गोबर से बने दीयों और भगवान गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाओं सहित कई दूसरी सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ चलाने की घोषणा की है.
इस चिप को गौसत्व कवच नाम दिया गया है और इसे गुजरात के राजकोट स्थित श्रीजी गौशाला ने बनाया है।
कथीरिया ने कहा, “एक चिप की कीमत 50-100 रुपये के बीच है और 500 से अधिक गौशालाएं इस तरह के चिप्स का निर्माण कर रही हैं। अमेरिका में इन्हें निर्यात कर रहे लोग एक चिप को 10 डॉलर की कीमत पर बेच रहे हैं।”
कथीरिया ने कहा, आपने कुछ दिन पहले सुना होगा कि अभिनेता अक्षय कुमार उन्होंने गाय का गोबर खाया है। आप इसे खा सकते हैं। यह एक दवा है। लेकिन हम अपने विज्ञान को भूल गए हैं। उन्होंने कहा, अब हमने एक शोध परियोजना शुरू की है। हम इन विषयों पर शोध करना चाहते हैं जिन्हें हम एक मिथक मानते हैं।
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन फरवरी, 2019 में किया गया था और गायों का संरक्षण और विकास इसका लक्ष्य है। अभी इसने दीपावली के मौके पर चीनी उत्पादों का बहिष्कार सुुनिश्चित करने और गाय के गोबर से बनी सामग्रियों को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु दीपावली अभियान शुरू किया है। आयोग ने इस दीपावली 11 करोड़ परिवारों में गोबर से निर्मित 33 करोड़ दीप जलाने का लक्ष्य रखा है।
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