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वीडियो देखिये, बलिया गोली काण्ड में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने बयान जारी किया है
October 18, 2020
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यूपी का बलिया जिला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार यहां एक पुलिस और आला अधिकारियों के सामने हत्या हुई है। इसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलवार हो गया है। आरोप है कि आरोपी भाजपा से जुड़ा है और बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का काफी करीबी है। कई मौके पर विधायक और आरोपी को एक साथ देखा गया है।
हालांकि बलिया के बीजेपी जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने बताया कि आरोप धीरेंद्र सिंह उर्फ डब्बू हमारे किसी संगठन का पदाधिकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि धीरेंद्र भारतीय जनता पार्टी के किसी भी दायित्व के पद पर नही हैं। वह न मंडल में किसी दायित्व पर हैं और नही जिले में किसी पद पर हैं। इससे पहले घटना के बाद न्यूज एजेंसी भाषा ने विधायक सुरेंद्र सिंह के हवाले से बताया था कि धीरेन्द्र भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष है। बताया जाता है कि आरोपी धीरेंद्र सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है। धीरेंद्र की गिनती बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह के करीबियों में होती है।
इस मामले में मुख्य आरोपी बीजेपी कार्यकर्ता धीरेंद्र सिंह को लेकर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक बयान जारी किया है. सुरेंद्र सिंह इस वीडियो में आरोपी का बचाव करते नजर करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र सिंह अगर आत्मरक्षा में गोली नहीं चलाता तो उसके परिवार के दर्जनों लोग मारे जाते। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे पक्ष के कई लोग बुरी तरह घायल हैं, तो उनकी बात भी सुनी जानी चाहिए।
हत्यारे और बलात्कारी दूसरी पार्टियों में भी मिल जाएँगे लेकिन उनके ऐसे समर्थक कहीं और नहीं मिलेंगे। https://t.co/PTuSdNPOzu
— Ashok K Pandey अशोक اشوک (@Ashok_Kashmir) October 16, 2020
अभियुक्त ने जारी किया वीडियो
धीरेंद्र सिंह ने वीडियो जारी कर 15 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर कहा है कि इसमें मिलीभगत थी। धीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘वहां गोली चल रही थी, मैं अफ़सरों से कह रहा था कि इसे रुकवाइए, वे लोग लाठी-डंडों के साथ थे, फ़ायरिंग कर रहे थे और मेरे परिवार को घेर लिया। मेरे पिताजी ज़मीन पर गिर पड़े।’
बीजेपी नेता धीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘इसमें एसडीएम, सीओ और एसआई की ग़लती है। मुझे नहीं पता कि वे किसकी गोली से मरे हैं। अगर मेरे परिवार के सदस्य को मारा जाएगा, तो मैं भी जवाब दूंगा। हम लोग झगड़ा नहीं करना चाहते थे।’ हत्या अभियुक्त ने कहा है कि उसने गोली नहीं चलाई है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि पाल की मौत किसकी गोली से हुई है।
बीजेपी नेता के मुताबिक़, ‘इस घटना को सुनियोजित तरीक़े से अंजाम दिया गया और उनके पक्ष के लोग लड़ने के लिए नहीं आए थे जबकि दूसरे पक्ष के लोगों की पूरी तैयारी थी।’ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले की जांच कराने का आग्रह किया है।
क्या था मामला?
A BJP leader from #UttarPradesh where failed Adityanath ji is the Hon'ble CM shot & killed a person in Balia IN FRONT of the SDM & CO.
Imagine if this happened in an opposition governed state!!
The Hon'ble PM continues to be silent on the pathetic state of governance in UP! pic.twitter.com/13JTaKD6fa— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) October 15, 2020
गुरुवार की दोपहर को बलिया के दुर्जनपुर इलाके में सरकारी कोटे की दुकानों के आवंटन की कार्यवाही चल रही थी। तभी आवंटन के दावेदार दो पक्षों में विवाद हो गया. विवाद बढ़ते-बढ़ते दोनों पक्षों में गाली गलौज, मारपीट और ईंट पत्थर चलने लगे। इसी बीच एक पक्ष ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। तभी बैरिया से बीजेपी विधायक के करीबी माने जाने वाले बीजेपी कार्यकर्ता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने दूसरे पक्ष के जयप्रकाश पाल को गोली मार दी। जयप्रकाश पाल को मौके पर मौजूद लोगों ने इलाके के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस गोलीकांड में क़रीब एक दर्जन लोग घायल हैं।
गिरफ्त में धीरेन्द्र सिंह
हालाँकि 72 घंटे से फरार चल रहे बलिया गोली कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को एसटीएफ ने अंततः गिरफ्तार कर लिया. प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसटीएफ की टीमों ने बलिया कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को जनेश्वर मिश्र पार्क के पास से आज सुबह उठा लिया। इससे पहले, बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को लेकर घोषित इनाम को यूपी पुलिस ने बढ़ाकर 50-50 हजार रुपये कर दिया था। अब तक 8 नामजद और करीब 25 अज्ञात आरोपियों में सिर्फ 7 की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें भी सिर्फ दो ही नामजद हैं. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। आरोपियों की तलाश में पुलिस की दर्जन भर टीमें जुटी हुई थीं। धीरेंद्र सिंह से पहले सिर्फ दो नामजद आरोपियों देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया जा सका था। ये दोनों मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई हैं।
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