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यूपी के बागपत में बिना अनुमति के दाढ़ी रखने पर सब-इंस्पेक्टर निलंबित
October 23, 2020
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उत्तर प्रदेश (UP)के बागपत (Bagpat) जिले के रमाला थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर (Sub Inspector) इंतेसार अली को बिना अनुमति के दाढ़ी रखने पर निलंबित कर दिया गया है। अली को दाढ़ी हटाने के लिए कई बार चेतावनी दी गई थी और दाढ़ी बढ़ाने को लेकर अनुमति लेने के लिए कहा गया था हालांकि, उन्होंने अनुमति नहीं ली और दाढ़ी बढ़ाना जारी रखा। अब उन्हें निलंबित करने का मामला तूल पकड़ने लगा है। इंडियन एक्सप्रेस निलंबित दरोगा का कहना है कि नवंबर 2019 में दाढ़ी रखने की अनुमति के लिए आईजी को आवेदन पत्र भेजकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली। जबकि आईजी मेरठ प्रवीण कुमार ने आवदेन पत्र मिलने से अनभिज्ञता जताई है। वहीं, एसपी ने विभागीय नियमों को दरकिनार और अनुशासनहीनता में दरोगा को निलंबित करने की बात कही है।
दाढ़ी रखना धार्मिक आजादी : इंतसार अली
दरोगा इंतसार अली का कहना है कि दाढ़ी रखना धार्मिक आजादी है। इसमें किसी को कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इंतसार का यह भी कहना है कि दाढ़ी रखने के लिए गत नवंबर 2019 में आईजी मेरठ को आवेदन पत्र भेजकर अनुमति मांगी थी, लेकिन अभी तक अनुमति नहीं मिली।
दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं ली : एसपी
बागपत के एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि पुलिस में सिर्फ सिख समुदाय को ही दाढ़ी रखने की अनुमति है। हिन्दू-मुस्लिम सहित अन्य समाज को इसकी अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस में अनुशासन का पालन करना सभी के लिए जरूरी है। इंतसार को कई बार नोटिस भेजा गया था कि दाढ़ी रखने के अनुमति लें, लेकिन लगातार इसकी अनदेखी की गई। अनुशासनहीनता में विभागीय स्तर पर निलंबित करने की कार्रवाई की गई है। इसको किसी मजहब से जोड़कर न देखा जाए।
कोई अनुमति का प्रार्थना पत्र नहीं: आईजी
मेरे कार्यालय में दरोगा इंतसार अली का कोई प्रार्थना पत्र है, ऐसा मेरे संज्ञान में नहीं आया है। दाढ़ी रखने के लिए संबंधित जिले के एसएसपी या एसपी से अनुमति ली जाती है। अनुमति कैंसिल होने पर आईजी कार्यालय में अपील की जाती है। प्रवीण कुमार, आईजी मेरठ रेंज।
नियम यह हैं
– सिखों को छोड़कर यदि अन्य कोई सेवा में रहते हुए दाढ़ी रखता है तो उसको अनुमति लेना आवश्यक है
– पुलिस में रहते केवल मूंछ रखने की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती
– एसपी या एसएसपी के अधीन सेवारत लोगों को पहले स्थानीय स्तर पर अनुमति का प्रार्थना पत्र देना होता है।
– यदि वहां से प्रार्थना पत्र निरस्त होता है तो आईजी स्तर पर अपील की जा सकती है।
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