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हाईकोर्ट ने यूपी में गौ हत्या निरोधक कानून के दुरुपयोग पर जताई चिंता, कही ये बड़ी बात…
Image Credits: The Leaflet
October 28, 2020
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इलाहाबाद हाईकोर्ट(High Court) ने एक अहम टिप्पणी करते हुए गौ हत्या (Cow Slaughter) कानून के दुरुपयोग (Misuse) को लेकर चिंता जताई है. हाईकोर्ट ने कहा है कि, इस कानून का गलत इस्तेमाल कर बहुत से बेगुनाहों को जेल भेजा जा रहा है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अदालत ने कहा कि किसी भी तरह के मांस को बिना टेस्ट किए गौ मांस बता दिया जाता है, फॉरेंसिक लैब में टेस्ट तक नहीं कराया जाता| उत्तर प्रदेश में गौ हत्या कानून के लगातार दुरुपयोग की बात करते हुए हाईकोर्ट ने गौ हत्या और गौ मांस की ब्रिकी के आरोपी रहमुद्दीन को सशर्त जमानत दे दी।
5 अगस्त 2020 से जेल में बंद आरोपी के खिलाफ शामली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन आरोपी को घटना के स्थान से गिरफ्तार नहीं किया गया था। इसके अलावा कोर्ट ने यूपी में आवारा गायों को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की| कोर्ट ने कहा कि किसी को नहीं पता होता कि गाय पकड़े जाने के बाद कहां जाती हैं?
गौहत्या में कथित रूप से शामिल रहे एक रहमुद्दीन को जमानत देते हुए, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने अपने आदेश में कहा कि 1955 के उत्तर प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ काउ स्लॉटर एक्ट का दुरुपयोग किया जा रहा है।
19 अक्टूबर को पारित आदेश में, उच्च न्यायालय ने यह भी देखा कि पुरानी या गैर-दुधारू गायों की देखभाल करने की आवश्यकता है जो मालिकों द्वारा छोड़ दी जाती हैं, गौ हत्या कानून का सही रूप से पालन हो इसके लिए यह भी एक अहम मुद्दा है |
कोर्ट ने गायों की हालात पर भी सख्त टिप्पणी की। कहा कि प्रदेश में गायों की देखरेख के लिए गोशालाओं में बेहतर सुविधा नहीं हैं। गोशालाएं सिर्फ दुधारू गायों को ही रखने में दिलचस्पी दिखा रही हैं। लोग बूढ़ी, बीमार और दूध न देने वाली गायों को सड़कों पर आवारा छोड़ देते हैं।
गोशालाएं भी इन्हें नहीं रखती हैं। ये गायें सड़कों पर एक्सीडेंट का बड़ा कारण बन चुकी हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो रहीं हैं। पहले केवल नीलगाय से किसान परेशान थे, लेकिन अब इस तरह की गायों से भी मुश्किलें बढ़ रहीं हैं। सरकार को इनकी देखभाल के लिए नियम बनाने चाहिए और उसका सही से पालन कराना चाहिए।
“चाहे गाय सड़कों पर हों या खेतों पर, उनका परित्याग समाज पर बड़े पैमाने पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। किसी तरह से उन्हें या तो उन्हें गौशाला में रखना होगा या उनके मालिकों के साथ , तभी यूपी प्रीवेंशन ऑफ काउ स्लॉटर एक्ट का सही तरीके से पालन होगा।
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